
भारतेंदु हरिश्चंद्र के निबंधों में हिंदी नवजागरण का स्वरूप
Author(s) -
सौरभ सिंह
Publication year - 2022
Publication title -
praxis international journal of social science and literature
Language(s) - Hindi
Resource type - Journals
ISSN - 2581-6675
DOI - 10.51879/pijssl/050313
Subject(s) - computer science
उन्नीसवीं शताब्दी में भारत ने आधुनिक परिवेश को आत्मसात करते हुए आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक तीनों ही स्तरों पर परिवर्तन को महसूस किया। कारण यह हुआ कि भारतीय जनमानस ने अपनी संवेदनाओं और अभिरुचियों में नए कलेवर दिए। इसी के साथ-साथ कई ऐसी स्थितियां उत्पन्न हुईं जिनसे उनकी भारतीयों नवजागरण की बेला का सुनहरा सूर्य देखा, भारतीयों में अंग्रेजों के अत्याचार का विरोध किया, नयी चेतना के साथ समस्याओं की गहरी समझ विकसित कर उनको दूर करने का प्रयास किया। भारतीय जनमानस में इस चेतना के विकास का श्रेय भारतेंदु और उनके मंडल को जाता है।