
भारतीय संस्कृति में वर्तमान पर्यावरणीय समस्याओं का स्थायी समाधान
Author(s) -
Manoj Kumar Rao
Publication year - 2019
Publication title -
dev sanskriti : interdisciplinary international journal (online)/dev sanskriti : interdisciplinary international journal
Language(s) - Hindi
Resource type - Journals
eISSN - 2582-4589
pISSN - 2279-0578
DOI - 10.36018/dsiij.v2i0.18
Subject(s) - political science
इक्कीसवीं सदी विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। इस विज्ञान एवं तकनीकी के माध्यम से वर्तमान युग में भौतिक समृद्धि एवं साधनों की अपार वृद्धि हुई है। प्राकृतिक संसाधनों के माध्यम से व्यापक स्तर पर भौतिक जीवन के साधनों का निर्माण हो रहा है। प्राकृतिक संसाधनों के असीमित दोहन के कारण जहाँँॅं एक तरफ पारिस्थितिकीय असंतुलन उत्पन्न हो रहा है वहीं दूसरी तरफ उद्योगों एवं विविध प्रकार के मानव निर्मित भौतिक साधनों से उत्सर्जित हानिकारक तत्वों से पर्यावरण प्रदूषण बड़ी तेजी से बढ़ रहा है, जिसके फलस्वरूप आये दिन लोगों को सर्वनाशी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आज जहाँॅं जीवन को सुखमय और खुशहाल बनाने की चाह है वहीं अपने अस्तित्व को खो देने का भय भी है। मानवीय अस्तित्व की रक्षा के लिए इन समस्याओं का समाधान अति आवश्यक है। इन समस्याओं का स्थायी समाधान एक मात्र भारतीय संस्कृति की प्रकृति विषयक आध्यात्मिक चिंतन में है जिसको अपना कर मनुष्य अपने सुख, समृद्धि एवं अस्तित्व के साथ-साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित तथा संरक्षित रख सकता है। प्रस्तुत शोध पत्र में भारतीय संस्कृति की उन्हीं प्रकृति रक्षक श्रेष्ठ एवं आदर्श सूत्रों को उजागर किया गया है।