
हठयौगिक ग्रंथों में कफ संबंधी दोषों को दूर करने के लिये वर्णित यौगिक विधिया : कोविड-19 महामारी के विशेष संदर्भ में
Author(s) -
Indrayani Trivedi,
Pankaj Kumar Trivedi
Publication year - 2020
Publication title -
dev sanskriti : interdisciplinary international journal (online)/dev sanskriti : interdisciplinary international journal
Language(s) - Hindi
Resource type - Journals
eISSN - 2582-4589
pISSN - 2279-0578
DOI - 10.36018/dsiij.v16i.153
Subject(s) - psychology
योग एक प्राचीन विद्या है जिसका अभ्यास सहस्रों शताब्दियों से आत्म कल्याण हेतु किया जाता रहा है। आत्मकल्याण का सार मानव कल्याण में निहित है इन ।दोनों ही उद्देश्यों की प्राप्ति योग के द्वारा हो सकती है। वर्तमान समय में व्याप्त कोविड-19 (कोरोना वायनस डिसीज-19) रोग के संभावित समाधान के रूप में योगाभ्यास एक प्रभावी साधन सिद्ध हो सकता है। योग केवल शरीर को ही स्वस्थ नहीं बनाता अपितु मन को भी स्वस्थ करता है। योग रूप ज्ञान गंगा की विभिन्न धाराएं हैं जैसे हठयोग, राजयोग, कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग। इनमें से हठयोग व्यावहारिक स्तर पर किया जाने वाला एक अभ्यास है जिसका सिद्धांत है कि शरीर के माध्यम से मन और आत्मा को भी विकसित किया जा सकता है। भारतीय ज्ञान के अक्षय भण्डार में समग्र समस्याओं का हल निहित है। योग तथा आयुर्वेद के माध्यम से विभिन्न समस्याओं का समाधान मिलता रहा है। प्रस्तुत शोध पत्र में कफ दोषों को दूर करने के लिए हठयोग के ग्रंथों में वर्णित अभ्यासों का समावेश किया गया है जिसके ज्ञान से प्रबुद्ध जनसामानान्य लाभान्वित हो सके। इन योगाभ्यासों के अंतर्गत षट्कर्म, आसन, मुदा-बंध तथा ध्यान जैसे अभ्यासों का वर्णन किया गया है । ये सभी अभ्यास कोरोना जैसे महामारी के लिए एक संभावित सहायक चिकित्सा पद्धति सिद्ध हो सकती है।