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परामर्श का किशोरियों की स्वप्रभावकारिता पर प्रभाव का अध्ययन
Author(s) -
Deepak Singh
Publication year - 2019
Publication title -
dev sanskriti : interdisciplinary international journal (online)/dev sanskriti : interdisciplinary international journal
Language(s) - Hindi
Resource type - Journals
eISSN - 2582-4589
pISSN - 2279-0578
DOI - 10.36018/dsiij.v14i.131
Subject(s) - medicine
परामर्श एक प्रकार की सहयोगी प्रक्रिया है जिसमे परामर्शदाता, परामर्श प्राप्तकर्ता को उसके जीवन के महत्त्वपूर्ण पहलुओं से सम्बन्धित ज्ञान प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है। किषोरावस्था में किषोरियों को किषोरावस्था के अनुरूप होनें वाले विभिन्न प्रकार के परिवर्तनों के साथ समायोजन करने के लिए विभिन्न प्रकार की मनोवैज्ञानिक गुणवत्ताओं की आवष्यकता होती है। इन्हीं में से एक आवष्यक मनोवैज्ञानिक क्षमता, स्वप्रभावकारिता को षोध के अन्तर्गत सम्मिलित किया गया है। जो व्यक्ति की किसी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति या कार्य का सामना करने की समय-सीमा से सम्बन्धित होती है। प्रस्तुत शोध का उद्धेष्य परामर्श का किषोरियों की स्वप्रभावकारिता पर पडने वाले प्रभाव का अध्ययन करना है। इस अध्ययन में प्रयोगात्मक एंव नियन्त्रित समूह अभिकल्प का प्रयोग किया गया है। अध्ययन हेतु आकस्मिक प्रतिचयन विधि के द्वारा श्री राम कॉलेज मुजफ्फरनगर उ0प्र0 से 16 से 18 वर्ष की 100 छात्राओं का चयन किया गया। जिनमें से 50 छात्राओं को प्रयोगात्मक समूह तथा 50 छात्राओं को नियन्त्रित समूह में रखा गया। प्रयोगात्मक समूह में सम्मिलित किषोरियों को 3 माह तक सप्ताह मे एक दिन सामूहिक रूप से, तथा सप्ताह में एक दिन आवष्यकतानुसार व्यक्तिगत रूप से, 30 मिनट के लिए परामर्श प्रदान किया गया। स्वप्रभावकारिता मापनी के द्वारा आंकडो का संग्रहण किया गया। सांख्यिकीय विष्लेषण हेतु एस0 पी0 एस0 एस0 वर्जन 18 द्वारा अनोवा परीक्षण का उपयोग किया गया। अध्ययन से प्राप्त परिणामों से यह स्पश्ट होता है कि परामर्श का किषोरियां की स्वप्रभावकारिता पर सकारात्मक प्रभाव पडता है।

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