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पूर्वीय भारतीय गंगा मैदान की परिस्थिति मे स्वर्ण तृप्ति प्रजाति के सलाद मटर का सस्य मूल्यांकन
Author(s) -
अनिल कुमार सिंह,
आशुतोष उपाध्याय,
रवि शंकर पान,
उज्ज्वल कुमार
Publication year - 2022
Publication title -
krishi manjusha
Language(s) - Hindi
Resource type - Journals
ISSN - 2582-144X
DOI - 10.21921/km.v4i02.9280
Subject(s) - snow , environmental science , physics , meteorology
मटर की ही एक प्रजाति जिसे हम सलाद मटर के नाम से जानते है , अँग्रेजीभाषा मे इसे ‘Snow pea’ ‘स्नो पी’ के नाम से जाना जाता है | इसकी खेती भी अन्य मटर की तरह शीतकाल मे ही की जाती है| सलाद मटर का छिलका रेशारहित एवं अधिक मिठास युक्त होता है इस कारण से इसका पूरा छिलका ही उपयोग मे लाया जाता है, इसलिए सलाद मटर की फलियों की तुड़ाई बीज बनने से पूर्व ही कर ली जाती है| सलाद मटर को सिर्फ सलाद के रूप में हे नहीं अपितु नाना प्रकार के व्यंजन बना कर भी प्रयोग कर सकते है| सलाद मटर (Snow Pea) के प्रदर्शन को जानने के लिए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना (बिहार) के मुख्य अनुसंधान प्रक्षेत्र पर वर्ष 2021-22 मे एक प्रक्षेत्र परीक्षण आयोजित किया गया एवं इस परीक्षण हेतु सलाद मटर की स्वर्ण तृप्ति प्राजाति का चयन किया गया| शोध परिणाम से पता चलता है कि स्वर्ण तृप्ति प्रजाति का सलाद मटर उच्च अंकुरण प्रतिशत (85%) वाली प्रजाति है एवं पूर्णतया अंकुरित होने मे लगा 6.5 दिन का समय लगा| इसके पौधो की अधिकतम लंबाई 121.7 सेंटी मीटर फसल काटने के समय प्राप्त हुई| स्वर्ण तृप्ति प्रजाति की प्रथम पुष्पन पर औसत अवस्था 68 दिन एवं फलियों की प्रथम तुड़ाई 81 दिन पर की गयी | मटर की फलीयों की औसत लंबाई (9.0 सेंटी मीटर) एवं औसत चौड़ाई (1.9 सेंटी मीटर) दर्ज की गयी | पाँच तुड़ाई मे हरी फलियों का कुल उत्पादन 18.45 टन टन /हेकटेयर प्राप्त हुआ| सलाद मटर का उत्पादन मे लागत सब्जी मटर कि तुलना मे अपेक्षाकृत कम होता है परंतु उत्पादन एवं बाजार भाव भी ज्यादा होता है जिससे ज्यादा शुद्ध लाभ प्राप्त होता है | विदेशी मुद्रा अर्जित करने का यह सबसे सुगम कृषि उद्दयम है |

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